आज रात इतिहास रचेगा भारत, चांद पर उतरेगा चंद्रयान-2




 पृथ्वी से 22 जुलाई को निकला भारत का चंद्रयान-2 आज देर रात और यानी 7 सितंबर को सुबह 1:55 पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और इसी के साथ भारत एक नया इतिहास रच देगा.

 चंद्रयान-2 ने धरती की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को शुरू की थी. इसके बाद 20 अगस्त को यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था.

 आखिरी 30 मिनट महत्वपूर्ण -
सबसे रोचक और रोमांचक चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले के 30 मिनट होंगे. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया कि अब तक चांद पर भेजे गए मिशन में सॉफ्ट लैंडिंग के चांस केवल 37 फ़ीसदी ही सफल हुए हैं.

 इन खतरों से गुजरेगा चंद्रयान-2 -
● गुरुत्वाकर्षण और तनाव
● 23,605 गड्ढों के बीच लैंडिंग
● छह प्रतिशत क्षेत्र में ढलान 15 डिग्री से ज्यादा
● अपने चार पैरों के बल पर उतरना भी चुनौतीपूर्ण

 क्या है आगे की प्रक्रिया -
● चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर के भीतर से रोवर प्रज्ञान 7 सितंबर की सुबह साढ़े पांच बजे से साढ़े छह के बीच बाहर निकलेगा 
● प्रज्ञान, चंद्र दिवस की अवधि (धरती के 14 दिन के बराबर) तक चंद्रमा की सतह पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा.
● ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है और यह लगातार चंद्रमा की परिक्रमा कर धरती पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों को संबंधित जानकारी भेजता रहेगा.

 इतिहास रचेगा भारत
चंद्रयान-2 के पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह पर सफलतापूर्वक उतरने के साथ ही रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत वहां सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा और चंद्रमा के अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा.

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